Saturday, March 5, 2011

ME FIR AUNGA


में फिर आऊंगा
मुद्दतों बाद
फिर मिलूँगा तुजे बिछड़े सफर में
तेरी उदासी दूर करने
कब दुःख हर घड़ी ताकता होगा
हर ख्वाब फाख्ता होगा
में आऊंगा
थोडा हँसाने थोडा रुलाने
गैर न समझना मुझे तब
में फिर से खास बनने आऊंगा
फिर से रास मन आऊंगा
फिर एक नए सफर का वादा करूँगा
तेरी खुशी का इरादा करूँगा
फिर सारी दुनिया को चमकाएगा
मेरा हँसता हुआ चाँद
हर खुशी के साथ वो मुझे देगा बाँध
में कुछ अरमानो की डाली पे झुलूँगा
तेरी हर मुस्कान पे फूलूँगा
तू गरीब होगी
और में बनने की कोशिश करूँगा
हमारी गरीबी
ही हमारी अमीरी होगी
जियेंगे करीब से सांस दर सांस
महसूस कर्नेगे जिंदगी को

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